माना $0 < \theta < \frac{\pi}{2}$ है। यदि अतिपरवलय $\frac{x^{2}}{\cos ^{2} \theta}-\frac{y^{2}}{\sin ^{2} \theta}=1$ की उत्केंद्रता $2$ से अधिक है , तो इसके नाभिलंब की लंबाई जिस अंतराल में है, वह है-

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  • A

    $\left( {3,\infty } \right)$

  • B

    $\left( {\frac{3}{2},2} \right]$

  • C

    $\left( {2,3} \right]$

  • D

    $\left( {1,\frac{3}{2}} \right]$

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प्रतिबंधों को संतुष्ट करते हुए अतिपरवलय का समीकरण ज्ञात कीजिए

नाभियाँ $(±4,0)$, नाभिलंब जीवा की लंबाई $12$ है।

 अतिपरवलय $9{x^2} - 16{y^2} + 18x + 32y - 151 = 0$ का केन्द्र है  

रेखाओं $bxt - ayt = ab$ तथा $bx + ay = abt$ के प्रतिच्छेद बिन्दु का बिन्दुपथ है

यदि अतिपरवलय $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} - \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ पर दो स्पर्श रेखायें इस प्रकार खींची जाती हैं कि उनकी प्रवणताओं का गुणनफल ${c^2}$ है, तो वे निम्न वक्र पर प्रतिच्छेद करती हैं

यदि एक अतिपरवलय के संयुग्मी अक्ष (conjugate axis) की लंबाई $5$ है तथा इसकी नाभियाँ के बीच की दूरी $13$ है, तो इस अतिपरवलय की उत्केंद्रता है 

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